बिना पासपोर्ट और वीजा के नेपाल से बनबसा के रास्ते भारत आते समय गिरफ्तार पाकिस्तान मूल की अमेरिकी नागरिक फरीदा मलिक को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) की कोर्ट ने चार साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। गुरुवार को सजा सुनाने के बाद फरीदा को गिरफ्तार कर लोहाघाट के न्यायिक बंदीगृह भेजा गया है।
बता दें कि, 12 जुलाई 2019 को सीमांत बनबसा चेकपोस्ट से नेपाल की राजधानी काठमांडू से बनबसा की बस में फरीदा मलिक (50) पुत्री सुल्तान अख्तर मलिक नाम की पाकिस्तानी मूल की अमेरिकी नागरिक को आव्रजन अधिकारियों ने पकड़ा था।
जिला प्रशासन ने फरीदा के विधिक दस्तावेजों के बगैर भारत पहुंचने की जानकारी तत्काल दिल्ली स्थित अमेरिकी राजदूत कार्यालय को दी थी। 13 जुलाई को फरीदा पर अवैध आव्रजन का मुकदमा दर्ज किया गया।
गुरुवार को सीजेएम धर्मेंद्र कुमार ने विधिक दस्तावेजों के बगैर बनबसा में प्रवेश करने पर फरीदा को चार साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। उस पर 20 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया गया है।अर्थदंड न देने पर एक महीने का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। सजा के आदेश के बाद फरीदा को पुलिस ने तुरंत गिरफ्तार कर लोहाघाट जेल भेज दिया।
बता दें कि, 12 जुलाई 2019 को सीमांत बनबसा चेकपोस्ट से नेपाल की राजधानी काठमांडू से बनबसा की बस में फरीदा मलिक (50) पुत्री सुल्तान अख्तर मलिक नाम की पाकिस्तानी मूल की अमेरिकी नागरिक को आव्रजन अधिकारियों ने पकड़ा था।
जिला प्रशासन ने फरीदा के विधिक दस्तावेजों के बगैर भारत पहुंचने की जानकारी तत्काल दिल्ली स्थित अमेरिकी राजदूत कार्यालय को दी थी। 13 जुलाई को फरीदा पर अवैध आव्रजन का मुकदमा दर्ज किया गया।
गुरुवार को सीजेएम धर्मेंद्र कुमार ने विधिक दस्तावेजों के बगैर बनबसा में प्रवेश करने पर फरीदा को चार साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। उस पर 20 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया गया है।अर्थदंड न देने पर एक महीने का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। सजा के आदेश के बाद फरीदा को पुलिस ने तुरंत गिरफ्तार कर लोहाघाट जेल भेज दिया।
1992 में यूएसए की नागरिक बनी फरीदा
पाकिस्तान में जन्मी फरीदा मलिक ने 1992 में यूएसए की नागरिकता ली थी। कई भाषाओं को जानने वाली यह महिला तेजतर्रार है। तमाम प्रयासों के बावजूद खुफिया एजेंसी पासपोर्ट और वीजा के बगैर इस महिला के भारत आने का मकसद पता नहीं कर सकी थी।
पिछले साल दिसंबर में फरीदा को नैनीताल उच्च न्यायालय से जमानत मिल गई। तब मामले का निस्तारण न होने से फरीदा को देश से बाहर न जाने की शर्त भी लगाई गई थी। अल्मोड़ा जेल से रिहा होने के बाद से जिले का खुफिया विभाग सतर्क था। फरीदा के लोहाघाट हवालात पहुंचने पर हिफाजत बढ़ा दी गई है। फरीदा को जल्द ही अल्मोड़ा जेल भेजा जाएगा।
पिछले साल दिसंबर में फरीदा को नैनीताल उच्च न्यायालय से जमानत मिल गई। तब मामले का निस्तारण न होने से फरीदा को देश से बाहर न जाने की शर्त भी लगाई गई थी। अल्मोड़ा जेल से रिहा होने के बाद से जिले का खुफिया विभाग सतर्क था। फरीदा के लोहाघाट हवालात पहुंचने पर हिफाजत बढ़ा दी गई है। फरीदा को जल्द ही अल्मोड़ा जेल भेजा जाएगा।